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Friday, 19 April, 2024
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क्या भाजपा इस बार पूर्वी उत्तर प्रदेश में महागठबंधन के सामने टिक पाएगी

छठे चरण में पूर्वी यूपी में वोट डाले जाएंगे. पिछली बार भाजपा ने यहां की 14 सीटों में से 12 पर जीत हासिल की थी. महागठबंधन के बाद क्षेत्र का सियासी समीकरण बदला है.

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नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश में 12 मई को होने वाले छठे चरण के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को महागठबंधन से चुनौती का सामना करना पड़ेगा. राज्य में सपा और बसपा के एक हो जाने के बाद इन 14 सीटों का सियासी समीकरण महागठबंधन के पक्ष में बैठता हुआ नजर आ रहा है. ये सारी सीटें पूर्वी उत्तर प्रदेश में आती हैं. 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने इन सीटों में से 12 पर अपना परचम फरहाया था. सहयोगी अपना दल को एक और सपा को आज़मगढ़ सीट पर जीत हासिल हुई थी.

उत्तर प्रदेश के सबसे महत्वपूर्ण इस क्षेत्र में ज़्यादा से ज़्यादा सीट हासिल करने के लिए ​अखिलेश और मायावती एक साथ उतरे हैं. वहीं माहौल को अपने पक्ष में करने के लिए मोदी और शाह की जोड़ी के अलावा राज्य के सीएम योगी आदित्यनाथ भी मैदान में दम भर रहे हैं. दूसरी तरफ से कांग्रेस महासचिव​ प्रियंका गांधी भी इस क्षेत्र में टक्कर देती हुई नज़र आ रही हैं. ऐसे में इन 14 सीटों पर चुनाव बहुत रोचक होता जा रहा है.


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उत्तर प्रदेश के फूलपुर लोकसभा उपचुनाव में महागठबंधन ने अपने पहले प्रयोग की शुरुआत की थी. और इसका ज़मीन पर असर भी दिखा- भाजपा को यहां हार का मुंह देखना पड़ा. अगर 2014 के सपा व बसपा उम्मीदवारों को मिले वोट को जोड़ें तो समीकरण महागठबंधन के पक्ष में जाता दिखाई देता है. दोनों ही पार्टियों के पारंपरिक मतदाताओं ने अगर उनका साथ नहीं छोड़ा तो भाजपा संभवत: प्रतापगढ़ को छोड़कर सभी 14 सीटों पर हारने की कगार पर होगी. भाजपा के लिए इन सीटों पर प्रदर्शन पर कुछ हद तक पीएम मोदी के वोट को अपने पक्ष में करने की​ शक्ति पर निर्भर है, क्योंकि उनका प्रचार अभियान ही पारंपरिक वोट बैंक को तोड़ सकता है. पांच चरणों के बाद प्रदेश की 80 में से 53 सीटों पर चुनाव हो चुका है.

श्रावस्ती सीट से भाजपा ने अपने सांसद दद्दन मिश्रा को उतारा है. कांग्रस ने धीरेंद्र प्रताप को तो वहीं बसपा ने शिरोमणि को टिकट दिया है. यहां तीनों प्रत्याशी के मज़बूत होने से मुकाबला रोचक हो गया है. 2014 में भाजपा को यहां से 3,45,964, सपा को 2,60,051 और बसपा को 1,94,890 को वोट मिले थे.

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डुमरियागंज लोकसभा सीट से भाजपा से दोबारा जगदंबिका पाल मैदान में उतरे हैं. उनके सामने बसपा से आफताब आलम और कांग्रेस से चंद्रेश उपाध्याय हैं. इस सीट पर जातीय समीकरण को देखें तो 43 फीसदी मुस्लिम मतदाता हैं. वहीं यादव और दलित वोटबैंक भी काफी हद तक भाजपा को नुकसान पहुंचा सकता है. ​2014 के ​चुनाव में भाजपा को 2,98,845, सपा को 1,74,778 और बसपा को 1,95,257 वोट ​हासिल हुए थे.

सुलतानपुर में केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी मैदान में है. कांग्रेस से डॉ. संजय सिंह और बसपा से चंद्रभद्र सिंह उन्हें टक्कर दे रहे हैं. 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा की तरफ से वरुण गांधी चुनाव मैदान में थे. उन्हें 4,10,348 वोट मिले थे. वहीं बसपा को 2,31,446 और सपा को 2,28,114 को मत हासिल हुए थे.

प्रतापगढ़ सीट पर राजा भैया के करीबी अक्षय प्रताप सिंह उर्फ गोपाल जनसत्ता पार्टी के उम्मीदवार हैं. गठबंधन से बसपा के अशोक त्रिपाठी हैं. वहीं कांग्रेस से रत्ना सिंह और बीजेपी के संगमलाल गुप्ता भी चुनावी मैदान में हैं. 2014 में यह सीट अपना दल के खाते में गई थी. 2014 के लोकसभा चुनाव में प्रतापगढ़ लोकसभा सीट से भाजपा को 3,75,789 मत मिले थे. वहीं बसपा को 2,07,567 और सपा को 1,20,107 को वोट हासिल हुए थे.


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अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित लालगंज लोकसभा सीट पर भाजपा ने दोबारा अपनी सांसद नीलम सोनकर को टिकट उतारा है. इनका मुकाबला बसपा की संगीता आज़ाद और कांग्रेस के पंकज मोहन सोनकर को उम्मीदवार बनाया है. इस सीट के तहत पांच विधानसभा सीटें आती हैं, इनमें चार सीटों पर सपा-बसपा का कब्जा है. 2014 के चुनावों में भाजपा ने 3,24,016, बसपा से डॉ. बलिराम 2,33,971 और सपा को 2,60,930 वोट हासिल हुए थे.

आज़मगढ़ लोकसभा सीट पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के सामने भाजपा ने दिनेश लाल यादव (निरहुआ) को टिकट दिया है. 2014 के चुनाव में सपा को 3,40,306 , भाजपा को 2,77,102, बसपा को 2,66,528 को मत मिले थे.

जौनपुर लोकसभा सीट बसपा और बीजेपी के बीच कड़ा मुकाबला है. इस सीट से भाजपा ने अपने मौजूदा सांसद केपी सिंह पर दांव लगाया है. वहीं बसपा ने श्याम सिंह यादव और कांग्रेस ने देव व्रत मिश्र को उतारा है. 2014 में इस सीट से भाजपा को 3,67,149, सपा को 1,80,003 और बसपा को 2,22,0839 मत हासिल हुए थे.

मछलीशहर लोकसभा सीट पर भाजपा ने बीपी सरोज को टिकट दिया है.सरोज ने हाल में बसपा छोड़ भाजपा में शामिल हुए थे. बसपा ने त्रिभुवन राम को प्रत्याशी बनाया है.2014 के चुनाव में भाजपा को 4,38,210, सपा को 1,91,387 और बसपा को 2,66,055 का मत मिले थे.


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भदोही लोकसभा सीट पर भाजपा ने रमेश चंद्र बिंद को उतारा है. बसपा ने रंगनाथ मिश्रा और कांग्रेस ने रमाकांत यादव को उम्मीवार बनाया है. 2014 के चुनाव में भाजपा के वीरेंद्र सिंह मस्त को 4,03,695 मत हासिल हुए थे. सपा को 2,38,712 और बसपा को 2,45,554 वोट मिले थे.

बस्ती लोकसभा सीट पर भाजपा ने सांसद हरीश द्विवेदी को टिकट दिया है. बसपा ने राम प्रसाद चौधरी और कांग्रेस ने राजकिशोर सिंह को मैदान में उतारा है. 2014 के चुनावों में भाजपा में 3,57,680, सपा को 3,24,118 और बसपा को 2,83,747 मत मिले थे.

संतकबीर नगर लोकसभा सीट से सपा से आए प्रवीण निषाद को मैदान में उतारा है. बसपा ने भीष्म शंकर उर्फ कुशल तिवारी और कांग्रेस ने भालचंद्र यादव पर दांव खेला है.2014 के चुनावों में भाजपा को 3,48,892, बसपा को 2,50,914 और सपा को 2,40,169 मत मिले थे.

इलाहाबाद लोकसभा सीट से भाजपा ने रीता बहुगुणा जोशी को टिकट दिया है. कांग्रेस से योगेश शुक्ला, सपा से राजेंद्र प्रताप सिंह पटेल मैदान में उतरे है.2014 में यह सीट भाजपा के श्यामा चरण गुप्ता जीते थे. वे अब सपा में शामिल हो चुके है. इस सीट से भाजपा को 3,13,772, बसपा को 1,62,073 और सपा को 2,51,763 मत हासिल हुए थे.

अंबेडकर नगर लोकसभा सीट पर बसपा ने रितेश पांडेय को उम्मीदवार बनाया है.वहीं भाजपा ने मुककुट विहारी वर्मा पर दांव खेला है. वहीं कांग्रेस के उम्मीदवार का नामांकन रद्द हो गया है.इस सीट पर भाजपा ने कुर्मी समुदाय और बसपा ने ब्राह्मण का प्रत्याशी बनाया है. इस सीट से मायावती भी सांसद रह चुकी है. पिछले चुनाव में भाजपा को 4,32,104, बसपा को 2,92,675 और सपा को 2,34,467 मत मिले थे.


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फूलपुर लोकसभा सीट पर 2014 में भाजपा के केशव प्रसाद मौर्या को 5,03,564 मत​ मिले थे. लेकिन यूपी विधानसभा का हुए उपचुनाव के बाद यह सीट पार्टी के हाथ से निकल गई. इस सीट पर सपा ने मौजूदा सांसद नागेंद्र सिंह पटेल का टिकट काटकर पंधारी यादव को प्रत्याशी बनाया है. वहीं भाजपा ने केशरी देवी पटेल और कांग्रेस ने पंकज निरंजन को टिकट दिया है. बीते लोकसभा चुनाव में बसपा को 1,63,710, सपा को 1,95,082 मत मिले थे.

(न्यूज एजेंसी आईएएनएस के इनपुट्स के साथ)

 

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