नई दिल्ली: राजनीति में भले ही ममता बनर्जी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच कितनी भी खटास दिखाई देती हो, दोनों कितने भी एक दूसरे पर राजनीतिक हमले करते हों लेकिन आज फिल्म अभिनेता अक्षय कुमार से बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बताया कि ममता दीदी आज भी मेरे लिए एक दो कुर्ते भेजती हैं. यही नहीं वह उनको साल में एक दो बार कोलकाता की विशेष मिठाई भी जरूर भेजती हैं.
पीएम ने आज अपनी जिंदगी से जुड़े कई खुलासे इस बातचीत में किया. अक्षय कुमार से बातचीत करते हुए बताया कि बांग्लादेश की प्रधानमंत्री देश शेख हसीना साल में तीन चार बार खास तौर पर ढाका से मिठाई भेजती हैं और जब से ममता दीदी को यह पता चला वह भी उन्हें बंगाली मिठाई भेजने लगी. पीएम ने बताया कि मुझे आम पसंद है और मैं आम खाता हूं. अपने बचपन को याद करते हुए पीएम ने कहा कि जब मैं छोटा था तो हमारे परिवार की स्थिति ऐसी नहीं थी की खरीद कर खा सकें. लेकिन हम खेतों में चले जाते थे और वहां पेड़ के पके आम खाते थे.
इस दौरान उन्होंने अपनी मां को भी याद किया. उन्होंने बताया कि आज भी मेरी मां मुझे सवा रुपये देती है, मैं उसके लिए कुछ नहीं कर पाता हूं. मैं पीएम बनने के बाद उन्हें दिल्ली लेकर आया लेकिन मेरे पास समय नहीं था तो वह कहती कि मैं यहां क्या कर रही हूं. मेरे से यहां कोई बात करने वाला भी नहीं है और वह मुझे सुबह का निकला रात में आता देख कर दुखी होती थी.
अक्षय कुमार ने जब उनसे पूछा कि आपके मन में पीएम बनने का विचार कब आया तब उन्होंने कहा, ‘कभी मेरे मन में प्रधानमंत्री बनने का विचार नहीं आया और सामान्य लोगों के मन में ये विचार आता भी नहीं हैं और मेरा जो फैमिली बैकग्राउंड हैं उसमें मुझे कोई छोटी नौकरी मिल जाती तो मेरी मां उसी में पूरे गाओं को गुड़ खिला देती.’
अगर मुझे अलादीन का चिराग मिल जाये तो मैं उसे कहूंगा की ये जितने भी समाजशास्त्री और शिक्षाविद हैं उनके दिमाग में भर दो कि वो आने वाली पीढ़ियों को ये अलादीन के चिराग वाली थ्योरी पढ़ानी बंद कर दें। उन्हें मेहनत करने की शिक्षा दें: पीएम
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‘बचपन में मेरा स्वाभाव था किताबें पढ़ना, बड़े बड़े लोगों का जीवन पढ़ता था. कभी फ़ौज वाले निकलते थे तो बच्चों की तरह खड़ा होकर उन्हें सेल्यूट करता था.’
पीएम ने कहा कि मुझे गुस्सा नहीं आता है. इतने लम्बे समय तक मुख्यमंत्री रहा लेकिन मुझे कभी गुस्सा व्यक्त करने का अवसर नहीं आया. मैं सख्त हूं, अनुशासित हूं लेकिन कभी किसी को नीचा दिखाने का काम नहीं करता. मैं कभी किसी से मिलता हूं तो मेरा कभी कोई फोन नहीं आता है. मैंने खुद को जीवन को ऐसा अनुशासित बनाया है. जहां तक ह्यूमर का सवाल है तो मेरे परिवार में मैं हमेशा पिता जी की नाराज होते थे तो पूरे माहौल को हल्का कर देता था.
पीएम मोदी ने अपने बचपन को याद करते हुए कहते हैं, ‘मैंने बहुत छोटी उम्र में घर छोड़ दिया था और इसलिए लगाव, मोहमाया सब मेरी ट्रेनिंग के कारण छूट गया.’
सरकार की तरफ से एक प्लॉट मिलता है, कुछ कम दाम में मिलता है। फिर मैंने वो पार्टी को दे दिया। हालांकि कुछ नियम है जिस पर सुप्रीम कोर्ट में मामला है। जैसे ही वह क्लीयर होगा, प्लॉट मैं पार्टी के नाम कर दूंगा: पीएम #BharatKaGarvModi #ModiWithAkshay pic.twitter.com/xVJ8Xekbef
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अक्सर कोशिश करता हूं कि किसी काम को कहा तो उसमें खुद इन्वॉल्व हो जाऊं. सीखता हूं और सिखाता भी हूं और टीम बनाता चला जाता हूं.
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पीएम ने बताया कि जब मैं गुजरात से मुख्यमंत्री बना तब तक मेरा बैंक अकाउंट नहीं था. जब एमएलए बना तो सैलरी आनी लगी. पीएम से जब अक्षय ने पूछा कि अगर आपको अलादीन का चिराग मिल जाये तो वह क्या करेंगे,’ गर मुझे अलादीन का चिराग मिल जाये तो मैं उसे कहूंगा की ये जितने भी समाजशास्त्री और शिक्षाविद हैं उनके दिमाग में भर दो कि वो आने वाली पीढ़ियों को ये अलादीन के चिराग वाली थ्योरी पढ़ानी बंद कर दें. उन्हें मेहनत करने की शिक्षा दें.’