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Wednesday, 24 April, 2024
होम2019 लोकसभा चुनावलालू यादव ने तोड़ी चुप्पी, कहा- सुनो नीतीश, 'लालटेन' अंधेरा हटाने वाला, 'तीर' हिंसा फैलाने का प्रतीक

लालू यादव ने तोड़ी चुप्पी, कहा- सुनो नीतीश, ‘लालटेन’ अंधेरा हटाने वाला, ‘तीर’ हिंसा फैलाने का प्रतीक

लालू प्रसाद ने पत्र में नीतिश को छोटा भाई बताते हुए लिखा, 'सुनो छोटे भाई नीतीश, ऐसा प्रतीत हो रहा है कि तुम्हें आजकल उजालों से कुछ ज्यादा ही नफरत हो गई है.

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नई दिल्ली: राष्ट्रीय जनता दल प्रमुख लालू यादव लोकसभा चुनाव में अभी तक चुप्पी साधे हुए थे लेकिन उन्होंने एक पत्र लिखकर अपनी चुप्पी तोड़ दी है. लालू ने एक अपने छोटे भाई नीतीश कुमार को एक खुला खत लिखा है. यह खत उन्होंने सोशल मीडिया पर लिख कर सनसनी फैला दी और और अपने पत्र में मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए लालू ने लिखा है कि सुनो नीतीश, लालटेन अंधेरा हटाने वाला जबकि तीर हिंसा फैलाने का प्रतीक है. लोकसभा चुनाव 2019 के छठे चरण का मतदान संपन्न हो चुका है तथा सातवें और अंतिम चरण के मतदान में अब एक सप्ताह से भी कम का समय शेष है. ऐसे में इस चुनावी मौसम में नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप और तेज होने लगा है.

क्या लिखा है लालू यादव ने खत में

इस चुनावी घमासान के बीच लालू यादव ने बिहार के मुख्यमंत्री जनता दल -युनाइटेड (जद-यू) प्रमुख नीतीश कुमार को एक पत्र लिखा है. लालू ने नीतीश कुमार को संबोधित, मीडिया को जारी इस पत्र में राजद के चुनाव चिह्न ‘लालटेन’ को अंधेरा हटाने वाला जबकि जद-यू के ‘तीर’ को हिंसा का पर्याय बताया.

लालू प्रसाद ने पत्र में नीतिश को छोटा भाई बताते हुए लिखा, ‘सुनो छोटे भाई नीतीश, ऐसा प्रतीत हो रहा है कि तुम्हें आजकल उजालों से कुछ ज्यादा ही नफरत हो गई है. दिनभर लालू और उसकी लौ लालटेन-लालटेन का जाप करते रहते हो. तुम्हें पता है कि नहीं, लालटेन प्रकाश और रोशनी का पर्याय है. मोहब्बत और भाईचारे का प्रतीक है. गरीबों के जीवन से तिमिर (अंधेरा) हटाने का उपकरण है. हमने लालटेन के प्रकाश से गैरबराबरी, नफरत, अत्याचार और अन्याय का अंधेरा दूर भगाया है और भगाते रहेंगे. तुम्हारा चिह्न ‘तीर’ तो हिंसा फैलाने वाला हथियार है. मार-काट व हिंसा का पर्याय और प्रतीक है.’

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लालू यादव ने नीतीश कुमार को पत्र

मुख्यमंत्री बोले हर परिस्थिति में होती है लालटेन की जरूरत

पूर्व मुख्यमंत्री ने आगे लिखा, ‘जनता को लालटेन की जरूरत हर परिस्थिति में होती है. प्रकाश तो दिए का भी होता है. लालटेन का भी होता है, और बल्ब का भी होता है. बल्ब की रोशनी से तुम बेरोजगारी, उत्पीड़न, घृणा, अत्याचार, अन्याय और असमानता का अंधेरा नहीं हटा सकते. इसके लिए मोहब्बत के साथ खुले दिल और दिमाग से दिया जलाना होता है. समानता, शांति, प्रेम और न्याय दिलाने के लिए खुद को दिया और बाती बनाना पड़ता है.’

उन्होंने कहा, ‘समझौतों को दरकिनार कर जातिवादी, मनुवादी और नफरती आंधियों से उलझते व जूझते हुए खुद को निरंतर जलाए रहना पड़ता है. तुम क्या जानो इन सब वैचारिक और सैद्धांतिक उसूलों को. डरकर शॉर्टकट ढूंढना और अवसर देख समझौते करना तुम्हारी बहुत पुरानी आदत रही है.’

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लालू ने आगे लिखा, ‘यह जमाना मिसाइल का है, तीर का जमाना लद गया है. तीर अब संग्रहालय में दिखेगा. लालटेन हर जगह जलता दिखेगा. पहले से अधिक जलता हुआ मिलेगा क्योंकि 11 करोड़ गरीब जनता की पीठ में तुमने विश्वासघाती तीर ही ऐसे घोंपे हैं. बाकी तुम अब कीचड़ वाले फूल में तीर घोंपो या छुपाओ, तुम्हारी मर्जी.’

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बिहार को सावधान करते हुए लालू यादव ने लिखा खत

इस पत्र को लालू ने सोसल मीडिया फेसबुक पर पोस्ट किया है और वही लिंक ट्विटर पर भी शेयर किया है.

उल्लेखनीय है कि लालू प्रसाद इन दिनों चारा घोटाले के कई मामलों में रांची की एक जेल में सजा काट रहे हैं. स्वास्थ्य कारणों से वे रांची के एक अस्पताल में भर्ती हैं. लालू प्रसाद के पुत्र और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद ने रविवार को बिहारवासियों को एक पत्र लिखकर केंद्र और राज्य सरकार पर निशाना साधा था.

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