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Friday, 29 March, 2024
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कठुआ गैंगरेप मामले ने बदली जम्मू की राजनीति, सांजी राम की बेटी बीजेपी के खिलाफ कर रही हैं प्रचार

कठुआ गैंगरेप और हत्या का मामले ने जम्मू क्षेत्र की राजनीती को बदल कर रख दिया है. जिसके कारण भारतीय जनता पार्टी की इस क्षेत्र में परेशानी बढ़ रही है.

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नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर में महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व वाली पीडीपी-भाजपा सरकार में मंत्री के रूप काम करने वाले लाल सिंह ने पिछले साल कठुआ रेप मामले में आठ साल की बच्ची से बलात्कार और हत्या के आरोपियों के समर्थन में खुल कर सामने आए और बड़े विवाद को जन्म दिया था.

उनकी पार्टी भाजपा ने शुरू में उनका समर्थन किया लेकिन जल्द ही गठबंधन की पार्टी के साथी के दबाव में उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया, उनको अगर पार्टी से बाहर नहीं निकाला जाता तो पार्टी को लोकसभा चुनाव में भारी नुकसान उठाना पड़ सकता था. लाल सिंह ने अपना खुद का राजनीतिक मोर्चा स्थापित किया -जिसका नाम डोगरा स्वाभिमान संगठन (डीएसएस) है , जोकि जम्मू क्षेत्र की दोनों लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ रही है , दोनों वर्तमान सीटें उनकी पुरानी पार्टी बीजेपी के पास हैं और चुनाव में उनकी मौजूदगी भाजपा के प्रत्याशी को कठिनाई में डाल देगी. भाजपा के नुमाइंदे, विशेष रूप से प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री और उधमपुर-डोगरा सीट से सांसद जितेंद्र सिंह के लिए राह कठिन हो सकती है.

कठुआ गैंगरेप मामले के मुख्य आरोपी सांजी राम की बेटी मधु शर्मा डोगरा सीट से चुनाव लड़ रहे जितेंद्र सिंह के लिए वोट मांग रहीं हैं. मधु की राजनीतिक सभाओं को संबोधित करने और सिंह के पक्ष में जोरदार अपील के वीडियो वायरल हो रहे हैं.

अपने एक वीडियो में शर्मा यह कहती हुई दिखाई दे रहीं हैं कि उनका परिवार किस दौर से गुजर रहा है. भाजपा ‘हिंदू-केंद्रित’ पार्टी होने के बावजूद उनके परिवार के बचाव और सहायता के लिए सामने नहीं आयी है.

इस पूरे मामले के महत्व का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इसने जम्मू और कश्मीर में धार्मिक समुदायों , हिंदुओं और मुस्लिमों के बीच द्वेष की खाई को बढ़ाया था.

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वीडियो में संदेश

कठुआ गैंगरेप और हत्या के मामले में प्रमुख आरोपी की बेटी ने कहा, ‘मैं प्रार्थना करती हूं कि जिस दौर से हम गुजर रहे हैं, उससे कोई भी न गुजरे, लाल सिंह और उनके परिवार ने हमारा साथ दिया. हमने हमेशा बीजेपी का समर्थन किया है, लेकिन पार्टी ने हमारे लिए क्या किया है?

वीडियो में आगे उन्होंने आरोप लगाया कि सीआईडी ने उसे जम्मू के सांबा जिले में प्रधानमंत्री की रैली से दूर रखने के लिए कहा. ‘जब भी पीएम की रैली होती है, तो सीआईडी मुझसे पूछती रहती है, मोदी की सांबा रैली के दौरान मेरे मूवमेंट को ट्रैक करने के लिए 15 सीआईडी कर्मी मौजूद थे’ मैं उनकी रैली में क्यों जाउंगी ? उन्होंने अब तक हमारी कभी नहीं सुनी है. वे (भाजपा) हमारे घरों में आग लगने पर भी परेशान नहीं होंगे जितेंद्र सिंह की पत्नी की मौजूदगी में वीडियो में ऐसा कहते सुना जा सकता है.

बागी

कठुआ जिले में बसोहली से तीन बार के विधायक लाल सिंह का डोगरा राजपूत समुदाय पर काफी प्रभाव है, कठुआ गैंगरेप के समर्थन में आयोजित ‘हिंदू एकता मंच’ रैली में उनकी भागीदारी पर सवाल उठने के बाद उनको मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था, जम्मू एक हिंदू बहुल सीट है.

कठुआ मामले से जम्मू और कश्मीर की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ आ गया था इन्हीं कारणों की वजह से भाजपा ने पीडीपी सरकार से समर्थन वापस ले लिया था. जबकि पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी ) और नेशनल कांफ्रेंस ने जम्मू सहित दो सीटों पर अपने उम्मीदवारों को कांग्रेस के पक्ष में नहीं करने का फैसला लिया है, लेकिन लाल सिंह इस क्षेत्र में भाजपा के लिए सिरदर्द बने हुए हैं.

कठुआ मामले की सुनवाई कर रहे जज की पत्नी अब हरियाणा सरकार के साथ राज्य सूचना आयुक्त हैं.

आदर्श आचार सहिंता के लागू होने के दो दिन पहले दिप्रिंट ने खबर की थी कि हरियाणा की भाजपा सरकार ने कमलदीप भंडारी और मामले की सुनवाई कर रहे सत्र न्यायाधीश तेजविंदर सिंह की पत्नी को सूचना आयुक्त के पद पर नियुक्त किया था. इस मुद्दे को जितेंद्र सिंह और भाजपा उम्मीदवार जुगल किशोर शर्मा के विरोधी भुनाने का प्रयास करेंगे.

जम्मू-कश्मीर के भाजपा प्रमुख रविंद्र रैना ने कहा कि चुनावों पर इन घटनाओं का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. भाजपा ने विधानसभा में सीबीआई जांच की मांग उठाई थी लेकिन इसे अदालत ने खारिज कर दिया था. इस मुद्दे पर राजनीति करने की जरूरत नहीं है. जहां तक मामले और लाल सिंह के प्रभाव का सवाल है, क्षेत्र के लोगों ने भाजपा को वोट देने का फैसला किया है. रैना ने कहा, ‘संगठन में उत्साह है. हम अपनी जीत के प्रति आश्वस्त हैं.’

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