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Thursday, 25 April, 2024
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हार्दिक को सुप्रीम कोर्ट से भी राहत नहीं, नहीं लड़ पाएंगे लोकसभा चुनाव

उच्चतम न्यायालय ने गुरुवार को मेहसाणा में हुए दंगे को लेकर गुजरात हाईकोर्ट की सजा पर सुनवाई करने से मना कर दिया है.

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नई दिल्लीः गजुरात पाटीदार नेता और अब कांग्रेस पार्टी में शामिल हार्दिक पटेल 2019 लोकसभा चुनाव अब नहीं लड़ पायेंगे. उच्चतम न्यायालय ने गुरुवार को मेहसाणा में हुए दंगे को लेकर गुजरात हाईकोर्ट की सजा पर सुनवाई करने से मना कर दिया है. दूसरे चरण में मतदान के लिए नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 4 अप्रैल है. ऐसे में अब हार्दिक के लोकसभा चुनाव लड़ने की संभवाना खत्म है.

पाटीदार नेता हार्दिक पटेल गुजरात हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सोमवार को सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे, ताकि उनके 2019 लोकसभा चुनाव का रास्ता साफ हो सके. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में तत्काल सुनवाई की मांग की थी, लेकिन कोर्ट ने तत्काल सुनवाई से मना कर दिया था. उन्होंने यह याचिका 2015 में एक दंगे के मामले में दोषी ठहराये जाने को लेकर दायर की है. याचिका में पटेल ने मांग की थी कि नामांकन का अंतिम दिन गुरुवार है, इसलिए सुप्रीम कोर्ट जल्द सुनवाई करे और हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाये. जिसमें हाईकोर्ट ने पटेल को लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य ठहराया है.

गौरतलब है कि 2015 में महसाणा में हुए दंगे को लेकर अदालत ने पाटीदार नेता को दोषी पाया था और पिछले साल जुलाई में दो साल की सजा सुनाई थी. पटेल पाटीदारों के आरक्षण की लड़ाई लड़ रहे थे. दंगे को लेकर वे गुजरात हाईकोर्ट पहुंचे थे, जिसमें उन्होंने अपने को दोषी ठहराने के मामले को रद्द करने की मांग की थी, ताकि वह 2019 लोकसभा चुनाव लड़ सकें. लेकिन उनकी याचिका खारिज हो गई थी. मामले में अदालत ने पीपुल एक्ट 1951 का हवाला देते फैसला सुनाया है कि हार्दिक पटेल आगामी लोकसभा चुनाव नहीं लड़ पाएंगे.

हार्दिक पटेल ने हाल ही में कांग्रेस पार्टी ज्वाइन की है. वह राजनीतिक जीवन की विधिवत शुरुआत करना चाहते थे लेकिन गुजरात उच्च न्यायालय ने उनकी चुनाव लड़ने की याचिका पर रोक लगा दी थी.

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