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Friday, 29 March, 2024
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यूपी में खनन माफिया के खिलाफ दो भाजपा विधायकों और किसानों का जलसत्याग्रह

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विधायक बृजेश कुमार प्रजापति का आरोप, माफिया ने अवैध खनन करके बदल दी केन नदी की धारा, किसानों की फसल चौपट की, विरोध करने पर गोलीबारी की गई.

बांदा: उत्तर प्रदेश में बांदा जिले की कोलावल रायपुर बालू खदान में अवैध खनन के विरोध में केन नदी की जलधारा में ‘जल सत्याग्रह’ कर रहे सैकड़ों किसानों के समर्थन में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के तिंदवारी और नरैनी के विधायक केन नदी में ही धरने पर बैठ गए हैं.

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के तिंदवारी विधायक बृजेश कुमार प्रजापति ने कहा कि बालू माफिया केन नदी में अस्थायी अवैध पुल बनाकर जहां मशीनों से बीच जलधारा से बालू निकालकर नदी की धारा बदल दी है, वही अपनी सीमा क्षेत्र से हट कर करोड़ों रुपये की बालू निकालकर बेच लिए हैं. इतना ही नहीं, ओवरलोडिंग ट्रक किसानों के खेतों से जबरन निकाल कर उनकी फसल चौपट कर दी है और इसका विरोध करने पर रविवार की रात किसानों पर गोलीबारी भी की गई थी.

उन्होंने कहा कि बालू खनन करा रही स्टार नेट कंपनी के खिलाफ मुकदमा न लिखे जाने तक दोनों विधायक नदी में ही धरने में बैठे रहेंगे.

प्रशासन की जानकारी में अवैध खनन

नरैनी क्षेत्र के भाजपा विधायक राजकरन कबीर ने कहा, ‘हम किसानों के साथ हैं, प्रशासन की जानकारी में पिछले एक महीने से यहां बालू का अवैध खनन चल रहा था और अधिकारी उनका हौसला आफजाई करते रहे.’

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यहां मौजूद अपर जिलाधिकारी (वित्त/राजस्व) संतोष बहादुर सिंह ने कहा, ‘हम और अपर पुलिस अधीक्षक लाल भरत कुमार पाल आंदोलनकारी किसानों से वार्ता कर रहे हैं. उन्हें उम्मीद है कि कोई हल निकलेगा और आंदोलन खत्म हो जाएगा.


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गौरतलब है कि गुरुवार सुबह दस बजे से कोलावल रायपुर गांव के तीन सौ से ज्यादा महिला-पुरुष किसान केन नदी की सांकेतिक अर्थी बनाकर बीच जलधारा में ‘जल सत्याग्रह’ कर रहे हैं. उनका आरोप है कि बालू कारोबार से जुड़े लोग बेजा उत्पीड़न कर रहे हैं और खेतों से परिवहन न होने देने पर गोलीबारी कर रहे हैं. किसानों ने हल्का पुलिस पर मारपीट और फर्जी मुकदमे में जेल भेजने की धमकी देने का भी आरोप लगाया है.

तीन सौ किसान कर रहे जलसत्याग्रह

मौके पर मौजूद नरैनी के उपजिलाधिकारी (एसडीएम) अवधेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि कोलावल रायपुर बालू खदान में केन नदी की जलधारा में मशीनों से गहराई तक बालू की खुदाई और भालू भरे ट्रकों को उनके (किसानों के) खेतों से जबरन निकालने के विरोध में सुबह करीब दस बजे से तीन सौ से ज्यादा किसान, जिनमें 50 महिलाएं शामिल हैं, केन नदी की बीच जलधारा में उतर ‘जल सत्याग्रह’ आंदोलन शुरू कर दिए हैं.

उन्होंने बताया कि यह बालू खदान कोलकाता की स्टार नेट कंपनी को पांच साल के लिए पट्टे पर आवंटित की गई है. मौके पर पाया गया है कि आवंटी कंपनी अपने सीमा क्षेत्र से हटकर बालू खनन कराया है और बालू निकासी के लिए नदी में अस्थायी अवैध पुल का भी निर्माण किया है.

श्रीवास्तव ने बताया कि आंदोलन की अगुआई कर रहे सामाजिक संगठन विद्याधाम समिति के राजाभइया सिंह और चिंगारी संगठन की शहरोत फातिमा से बातचीत कर मामले का हल निकालने की कोशिश की जा रही है.

किसानों पर फायरिंग

विद्याधाम समिति से जुड़े सामाजिक कार्यकर्ता राजाभइया सिंह और चिंगारी संगठन की संयोजिका शहरोज फातिमा ने संयुक्त रूप से बताया कि खेत की फसल चौपट कर बालू भरे ट्रक जबरन निकालने का विरोध करने पर बालू माफियाओं के हथियार बंद लोगों ने रविवार की रात किसानों के ऊपर फायर किया था. सूचना पर पहुंची गिरवां पुलिस ने उल्टे किसानों के साथ मारपीट करने के बाद फर्जी मुकदमे में जेल भेजने की धमकी दी थी. इसकी शिकायत सोमवार को जिलाधिकारी बांदा से की गई थी, मगर माफियाओं के दबाव में कोई कार्रवाई नहीं हुई.


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राजाभइया सिंह ने कहा कि प्रशासनिक अधिकारी भी देख रहे हैं कि किस तरह से माफियाओं ने अवैध खनन कर केन नदी की जलधारा बदल दी है, फिर भी अब तक उनके खिलाफ कुछ नहीं किया गया. यहां तक कि अवैध पुल ध्वस्त करने की भी जरूरत नहीं समझी जा रही.

दोपहर बाद अपर जिलाधिकारी (वित्त/राजस्व) संतोष बहादुर सिंह, अपर पुलिस अधीक्षक लाल भरत कुमार पाल और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नरैनी विधायक रातकरन कबीर व तिंदवारी विधायक बृजेश कुमार प्रजापति भी पहुंच गए. विधायक प्रजापति ने अधिकारियों से कहा कि वह किसानों के जल सत्याग्रह आंदोलन का समर्थन करते हैं, अवैध खनन करने वाली स्टार नेट कंपनी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाए.

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