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Saturday, 20 April, 2024
होमशासनशीर्ष आईएएस अधिकारियों की शिक्षा का उनके कार्य से मेल खाना महज़ एक इत्तेफ़ाक़

शीर्ष आईएएस अधिकारियों की शिक्षा का उनके कार्य से मेल खाना महज़ एक इत्तेफ़ाक़

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एक भौतिकी ग्रेड वाले आईएएस द्वारा गृह मंत्रालय को संभाले जाने से लेकर एक अंग्रेजी विषय वाले आईएएस द्वारा कृषि विभाग का नेतृत्व करने तक, 57 में से 49 सचिव स्तर के आईएएस अधिकारी अपनी शैक्षिक योग्यता के विपरीत पदों पर कार्यरत हैं।

नई दिल्ली: भारत की आंतरिक सुरक्षा का प्रभारी व्यक्ति भौतिकी स्नातक है, जबकि कृषि प्रभारी व्यक्ति एक अंग्रेजी विद्वान है; बिजली मंत्रालय में शीर्ष अधिकारी ने वनस्पति विज्ञान का अध्ययन किया है।

यह कहानी भारत सरकार के लगभग सभी सचिव स्तर के अधिकारियों की है, जिनकी शैक्षणिक योग्यता उनके पदों के अनुसार बहुत कम है। सचिव स्तर के 57 आईएएस अधिकारियों में से केवल नौ ही वर्तमान में ऐसे मंत्रालयों का नेतृत्व कर रहे हैं जिनका उनके अध्ययन से सीधा संबंध है।

केंद्र सरकार का विज्ञप्ति, ‘प्रतिभाशाली और प्रेरित भारतीय नागरिकों’ को सरकारी सेवाओं में एक पार्श्व प्रवेश की इजाजत देती है, इसकी प्रशंसा के साथ इसे पसंद किया गया है। इसने नौकरशाही के संबंध में दीर्घकालिक बहस भी फिर से शुरू कर दी है – क्या अधिकारियों को उनकी विशेषज्ञता के क्षेत्र के अनुसार मंत्रालयों और विभागों को आवंटित किया जाना चाहिए?

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दिप्रिंट ने ऑनलाइन उपलब्ध कार्यकारी रिकॉर्ड के अनुसार सरकार में सचिव स्तर के आईएएस अधिकारियों की शैक्षिक योग्यता और पृष्ठभूमि का विश्लेषण किया। भारतीय नौकरशाही के उच्चतम क्षेत्रों में अधिकारियों की विशेषज्ञता के स्तर का आकलन करने के लिए, रविवार को जारी विज्ञप्ति संयुक्त सचिव स्तर के पदों के लिए थी, हमने केवल सचिव स्तर के अधिकारियों की योग्यता का विश्लेषण किया। यद्यपि भारत सरकार में 81 सचिव हैं, जिनमें से 57 आईएएस से संबंधित हैं, जबकि बाकी अन्य सेवाओं से संबंधित हैं।

IAS
सिद्धांत गुप्ता के द्वारा ग्राफ़िक

शैक्षिक योग्यता और पद के बीच कोई संबंध नहीं

कई सचिवों की शैक्षणिक पृष्ठभूमि उन क्षेत्रों के अनुसार बहुत कम है, जिनका वे नेतृत्व करते हैं।

इस पर विचार करें: गृह सचिव राजीव गौबा भौतिकी में स्नातक हैं, जबकि वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय की सचिव रीता तेवतिया, इतिहास में स्नातकोत्तर डिग्री रखती हैं।

पर्यावरण सचिव, चंद्र किशोर मिश्रा, इतिहास और कानून में डिग्री रखते हैं, यहां तक कि एकमात्र सचिव स्तर की अधिकारी के रूप में पर्यावरण विज्ञान में डिग्री रखने वाली, शोभना के. पटनायक, कृषि मंत्रालय में कृषि सहयोग और किसान कल्याण विभाग की प्रमुख हैं।

दूसरी ओर, कानून मंत्रालय के न्याय सचिव, आलोक श्रीवास्तव ने कानून के अलावा सबकुछ पढ़ा है- इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, सार्वजनिक नीति, विज्ञान एवं अर्थशास्त्र।

खेल और युवा मंत्रालयों के सचिवों के पास विविध शैक्षिक डिग्री होती हैं जिनका खेल या युवाओं के साथ कुछ भी लेना देना नहीं होता है। खेल विभाग के प्रमुख राहुल प्रसाद भटनागर ने भौतिकी और अर्थशास्त्र का अध्ययन किया है, जबकि युवा मामलों के विभाग के प्रमुख अमरेंद्र कुमार दुबे ने अन्य विषयों के साथ वनस्पति विज्ञान, कानून और अर्थशास्त्र का अध्ययन किया है।

कृषि सचिव तरुण श्रीधर ने अंग्रेजी विषय से एमफिल किया है, जबकि अजय कुमार भल्ला, जिन्होंने वनस्पति विज्ञान का अध्ययन किया है, ऊर्जा मंत्रालय में सचिव हैं। गृह मंत्रालय में आधिकारिक भाषाओं के विभाग का नेतृत्व सैलेश कर रहे हैं जो अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर हैं।

क्षेत्रीय विशेषज्ञ गायब हैं

वित्त और रक्षा मंत्रालय, जिन्हें जाहिरा तौर पर विशेषज्ञता की उच्चतम डिग्री की आवश्यकता है, में विशेष रूप से क्षेत्रीय विशेषज्ञों की कमी है।

वित्त मंत्रालय में कार्यरत पाँच सचिवों में से किसी के पास भी अर्थशास्त्र की डिग्री नहीं है।

इन पाँचों में से, नीरज कुमार गुप्ता और अजय नारायण झा ने क्रमशः इलेक्ट्रॉनिक्स और इतिहास का अध्ययन किया है; राजीव कुमार प्राणीशास्त्र और कानून में डिग्री रखते हैं।

हालांकि, दो अन्य व्यवसायिक अध्ययन में स्नातक हैं।जबकि हसमुख अधिया ने स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर पर एकाउंटेंसी और बिजनेस मैनेजमेंट का अध्ययन किया है, उन्होंने योगा में पीएचडी भी किया है। वित्त विभाग के प्रमुख सुभाष चंद्र गर्ग के पास एकाउंटेंसी एवं फाइनेंस में डिग्री है।

रक्षा मंत्रालय में, रक्षा विभाग के प्रमुख संजय मित्रा ने भौतिकी और अर्थशास्त्र का अध्ययन किया है, रक्षा उत्पादन विभाग के प्रमुख अजय कुमार ने इंजीनियरिंग और प्रायौगिक अर्थशास्त्र का अध्ययन किया है। हालांकि, डॉ. क्रिस्टोफर एस, जो एक वैज्ञानिक हैं, मंत्रालय में अनुसंधान एवं विकास (आर एण्ड डी) विभाग के प्रमुख हैं।

इस असमानता को एक प्रणाली, जो क्षेत्रीय विशेषज्ञों को देश के लिए नीति तैयार करने में विफल रहती है,के अत्यावश्यक विघटन के रूप में सरकार के समर्थकों द्वारा उद्धृत किया जा रहा है।हालांकि, संदेह है कि सरकार राजनीतिक नियुक्तियों को आगे बढ़ाने के लिए इस कदम का उपयोग कर सकती है।

सचिव स्तर के 57 आईएएस अधिकारियों की शैक्षिक योग्यता की पूरी सूची

कुछ अपवाद

आशा राम सिहाग, जो भारी उद्योग और सार्वजनिक उद्यम मंत्रालय के सचिव के रूप में कार्य करते हैं, ने वास्तव में औद्योगिक इंजीनियरिंग का अध्ययन किया है, जबकि संस्कृति मंत्रालय में राघवेंद्र सिंह ने स्नातक और स्नातकोत्तर दोनों स्तरों पर इतिहास का अध्ययन किया है।

गिरीश साहनी और रेणु स्वरुप, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय में सचिव; शेखर बसु, परमाणु ऊर्जा विभाग के सचिव; राजीवन एम. नायर पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव औरसिवान के. अंतरिक्ष विभाग के सचिव, सभी वैज्ञानिक हैं – यह देखते हुए कि इन पदों को परंपरागत रूप से वैज्ञानिकों के लिए आरक्षित किया गया है।

अपवादों की सूची में भी दो सचिव शामिल हैं –जो कानून मंत्रालय केविधायी और कानूनी मामलों के विभाग में क्षेत्रीय विशेषज्ञ हैं।

विदेश मंत्रालय में केवल आईएफएस अधिकारी होते हैं, जबकि संचार मंत्रालय में नियुक्ति विभाग भारतीय डाक सेवा अधिकारी अनंत नारायण नंदा की अध्यक्षता में है।

सरकार में अधिकांश अन्य सचिव आईएएस अधिकारी हैं, जिनके स्तर को उनकी शैक्षिक योग्यता से हटकर, एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में स्थानांतरित करके बढ़ाया गया है।

सुधार के लिए विरोध

ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि सिविल सेवाओं में पार्श्व प्रवेश के सवाल को उठाया गया है। 2008 में, जब द्वितीय प्रशासनिक सुधार आयोग (एआरसी) ने केंद्रीय और राज्य स्तर दोनों में पार्श्व प्रवेश के लिए कहा था, अधिकारियों के प्रतिरोध ने उसी दिनइसकी सिफारिश सुनिश्चित की।

दरअसल, जब एक आयुर्वेदिक डॉक्टर, वैद्य राजेश कोटेचा को पिछले साल आयुष मंत्रालय में सचिव नियुक्त किया गया था, तो सचिव स्तर पर पार्श्व प्रवेश के प्रथम उदाहरण के रूप में, अधिकारियों द्वारा अधिक प्रतिरोध की जानकारी मिली थी।

परमेस्वरन अय्यर, पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय के सचिव भी एक पार्श्व प्रवेशकर्ता हैं, जो आईएएस से विश्व बैंक में काम करने के लिए समय से पहले सेवानिवृत्त हुए थेऔर वहां से मोदी सरकार द्वारा चुन लिए गये।

Read in English : Any connection between education of top IAS officers & jobs they do is purely coincidental

 

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